Wednesday, April 5, 2023

कांटों वाली भूमि पर फूलों की खेती

Indore: 05 April 2023 at 16:11

प्री-वेडिंग शूट के लिए भी हो रही है लगातार लोकप्रिय 

इन्दौर: 5 अप्रैल 2023: (मध्यप्रदेश स्क्रीन डेस्क)::

चित्तौड़गढ़-भुसावल राष्ट्रीय राजमार्ग पर लोहारी गांव के पास नहर की एक ढलान इन दिनों फूलों वाली ढलान के लिए लोकप्रिय हो रही है। यह ढलान प्री-वेडिंग के कपल्स को खूब आकर्षित कर रही है। इस स्थान के सौंदर्य को पिक्चर में कैद करने और यादगार दृश्य बनाने के लिए अब तक यहां 4 जोड़ों ने प्री-वेडिंग शूट किया है। साथ ही राजमार्ग से गुजरने वाले यात्रियों को भी खुबसूरत निमाड़ का एहसास करा रही है। यहां फूलों की बगिया लगाने की भी बड़ी रोचक कहानी है। खेडीफाटा के किसान शंकर पाटीदार ने बताया कि वे 10 से 15 वर्ष से मिर्च या कपास की खेती में बॉर्डर के रूप में गेंदा फूल लगाया करते थे। जो किसी कीट व्याधि के इंडिकेटर के तौर पर काम किया करती थी। किसी भी फसल पर अटैक आने से पहले फूलों पर अटैक होता है। लेकिन जब रासायनिक छिड़काव या खाद नहीं देना पड़ा और बाजार में वजन व भाव अच्छा मिलने लगा तो पूरी तरह फूलों की खेती की शुरुआत की।     

24 हजार रुपये की लागत से 17 हजार गेंदा 2.5 एकड़ में लगाएँ 

किसान शंकरजी ने बताया कि फूलों की खेती करना आसान भी है और सस्ता भी। 2.5 एकड़ की इस बगिया को बसाने में मात्र 24 हजार रुपये खर्च किये गए है। 17 हजार पौधों की इस बगिया से 80 दिनों बाद फूल आना भी प्रारम्भ हुए हैं। जो लगातार 70 से 80 दिनों तक फसल रहती है। वे 2.50 एकड़ के क्षेत्र में दूसरी बार गेंदा की किमको सीड किस्म की खेती कर रहे हैं। पिछले वर्ष इसी खेत से 150-160 क्विंटल फूलों का उत्पादन ले चुके हैं। 20 से 25 रुपये के भाव से उन्हें फूल उत्पादन में अच्छा मुनाफा हुआ। क्योंकि इस फसल में किसी कीटनाशक या रासायनिक खाद की जरूरत नहीं पड़ती। इस फसल का अधिक मुनाफा लेने के लिए गणेश चतुर्थी, नवरात्रि और दीपावली के सीजन को बेहतर अवसर मान सकते हैं।

गेंदा फूल की इस ढलान में पानी नहीं था तो ट्यूबवेल कराने पर हुए मजबूर    

55 वर्षीय एमकॉम में शिक्षित शंकर भाई ने बताया कि खेती तो उनके पास पर्याप्त है लेकिन 1990 के दशक में पानी नहीं होने से एक फसल ले पाते थे। 1990 से 2010 के मध्य उन्होंने 60 एकड़ खेत के अलग-अलग हिस्सें में अब तक 48 ट्यूबवेल 600 फीट से अधिक गहराई के करवा चुके हैं। लेकिन पानी की पर्याप्त उपलब्धता नहीं हो पाई। फिर 2013 में इंदिरा सागर परियोजना की नहर निकलने के बाद से तस्वीर और खेती का नजरिया बदला। नहर आने के बाद उनके 5 ट्यूबवेल सालभर पानी दे पा रहे है। अब आसपास का पूरा क्षेत्र गर्मी में भी लहलहा रहा है।    

उद्यानिकी विभाग ने पहली बार ड्रिप सिंचाई से परिचय कराया    

कसरावद के वरिष्ठ उद्यान  विस्तार अधिकारी श्री जगदिश मुजाल्दे ने बताया कि 2005-06 में उद्यानिकी विभाग ने पानी के प्रबंधन करने की कला ड्रिप सिंचाई से परिचय कराते हुए 5 एकड़ में ड्रिप सिंचाई अनुदान पर दिया था। इसके बाद अब तक समय-समय पर उनको और भाईयों को इसी भूमि पर 410322 रूपये के अनुदान पर 27 एकड़ में ड्रिप सिंचाई का लाभ दिया। आज वे पूरे 60 एकड़ खेत में ड्रिप सिंचाई से खेती कर रहे है। उद्यानिकी उपसंचालक श्री केके गिरवाल ने बताया कि जिले में वर्ष 2021-22 में फ्लोरीकल्चर का कुल रकबा 152 हे. और इस वर्ष 2022-23 में 220 हे. है।                     महिपाल अजय


Monday, April 3, 2023

नसरूल्लागंज का नाम अब हुआ भैरूंदा

Sunday: 2nd April 2023 at 10:56 PM

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने वायदा निभाया

*मुख्यमंत्री श्री चौहान भैरुंदा के गौरव दिवस में हुए शामिल

*भैरूंदा को 80 करोड़ से अधिक के निर्माण एवं विकास कार्यों का लोकार्पण/भूमिपूजन

*इस मौके पर भैरूंदा नगर विकास के लिए 100 करोड़ रूपये की घोषणा

भोपाल: रविवार, अप्रैल 2, 2023, 22:24 IST:

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की सरकार मध्यप्रदेश के नवनिर्माण में पूरे ज़ोरशोर से लगी हुई है। मध्यप्रदेश को नया रंगरूप देने के प्रयास में लगातार लगी हुई है। इसी अभियान के अंतर्गत कुछ स्थानों के नाम भी बदले जा रहे हैं। अब नसरूलगंज का नाम बदल कर भैंरूदा कर दिया गया है। 

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि आज नसरूल्लागंज का नाम बदल कर भैरूंदा कर दिया गया है। उन्होंने पुराने नाम को ऐतिहासिक अन्याय बताते हुए कहा कि नाम परिवर्तन से हमारा वैभव फिर लौटा है। उन्होंने नगर के ऐतिहासिक बदलाव के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और गृह मंत्री श्री अमित शाह का आभार व्यक्त किया।

इस
अवसर पर मुख्यमंत्री श्री चौहान ने
रविवार को विशाल जन-समूह के बीच नसरूल्लागंज का नामकरण भैरूंदा करने का उदघोष नगर के गौरव दिवस पर किया। उन्होंने सिंगल क्लिक से नसरुल्लागंज का नाम बदलकर भेरूंदा करने के साथ ही गजट नोटिफिकेशन सांसद श्री रमाकांत भार्गव और अध्यक्ष नगर परिषद श्री मारुति शिशिर को सौंपा। नागरिकों ने वर्षों पुरानी मांग पूर्ण होने और फिर से वैभव लौटाने के लिए मुख्यमंत्री का आभार माना। हजारों की संख्या में उपस्थित नागरिकों का उत्साह देखते ही बनता था। इस अवसर पर आतिशबाजी भी की गई।

विकास परियोजनाओं की जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री श्री चौहान ने गौरव दिवस पर नगर को 80 करोड़ 94 लाख से अधिक राशि के अनेक निर्माण एवं विकास कार्यों की सौगात दी। इन कार्यों में 76 करोड़ 25 लाख 51 हजार रूपए की लागत के 16 निर्माण कार्यों का भूमि-पूजन तथा 4 करोड़ 68 लाख 50 हजार रूपए के दो निर्माण कार्यों का लोकार्पण शामिल है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने भैरूंदा नगर के विकास के लिये 100 करोड़ रूपये देने की घोषणा भी की।

अपनी सरकार की तरफ से किए गए कार्यों के कुछ अंश बताते हुए मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि आज पूरे क्षेत्र में सिंचाई, सड़क, बिजली, शिक्षा आदि के अनगिनत कार्य हुए है। भैरूंदा से अब 350 करोड़ रूपये की लागत से नेशनल हाइ-वे बनाया जायेगा, जो खातेगांव, बडनगर और इटारसी को भी जोड़ेगा। उन्होंने भैरूंदा के दो दर्जन से अधिक गाँव को सीप अंबर लिफ्ट एरिगेशन योजना से जोड़ने की घोषणा की। साथ ही करीब एक दर्जन गाँव में बेराज निर्माण की मंजूरी भी दी।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने लाड़ली बहना योजना को अपने कार्यकाल की सर्वाधिक अच्छी योजना निरूपित करते हुए कहा कि यह योजना गरीब परिवार में खुशहाली के साथ ही बहनों के सशक्तिकरण, मान-सम्मान बढ़ाने और आत्म-निर्भर बनाने की योजना है। उन्होंने सभी पात्र बहिनों से शिविर में बिना कुछ दिए आवेदन करने का आहवान किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सी.एम. राइज स्कूल गाँव के गरीब परिवार के बच्चों को गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा का माध्यम बनेंगे। उन्होंने कहा कि लाड़ली लक्ष्मी योजना में बेटियों की शिक्षा का खर्च राज्य सरकार उठा रही है। प्रदेश में अब मेडिकल और इंजीनियरिंग की शिक्षा अब हिंदी भाषी बच्चे भी कर सकेंगे और अपना भविष्य सवांर सकेंगे। उन्होंने भैरूंदा में स्किल पार्क बनाने की भी घोषणा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकारी नौकरियों में भर्ती, स्व-रोजगार योजनाओं से रोजगार देने के साथ ही अब मुख्यमंत्री युवा कौशल कमाई योजना भी जून से लागू की जायेगी। योजना में काम सीख रहे युवाओं को 8 हजार रूपए भी मिलेंगे।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में शराब को हतोत्साहित करने के लिये सभी अहाते बंद कर दिये गये हैं। इस दिशा में समाज को भी सकारात्मक रूख अपनाना होगा। सांसद श्री रमाकांत भार्गव ने भैरूंदा का वैभव लौटाने के लिये मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया। गौरव दिवस पर 40 से अधिक विभागीय गतिविधियों एवं उपलब्धियों पर प्रदर्शनी लगाई गई। मुख्यमंत्री ने नगर की विभूतियों को सम्मानित भी किया। कार्यक्रम में स्थानीय जन-प्रतिनिधि, विभिन्न सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि और बड़ी संख्या में नागरिक मौजूद रहे।

 राजेश बैन