Wednesday, March 29, 2023

मध्यप्रदेश में मछुआरो की वित्तीय मज़बूती का एक और अभियान

Bhopal: Tuesday: 28th March 2023 at 11:34 PM

मछुआरों की सुविधा और वित्तीय सुरक्षा में होगी अब और बढ़ोतरी

 मछुआरों के  क्रेडिट कार्ड बनाने को विशेष शिविर :मंत्री श्री सिलावट


भोपाल : मंगलवार, 28 मार्च 2023: (मध्यप्रदेश स्क्रीन डेस्क)::

मछुआरों की ज़िंदगी और आर्थिक हालात कितने कठिन होते हैं इसका अनुमान दूर बैठ कर नहीं लगाया जा सकता। इस ज़िंदगी को कुछ देर जी कर शायद थोड़ा बहुत समझा जा सके। जिन लोगो ने अर्नेस्ट हैमिंग्वे का नावल बूढ़ा आदमी और सागर पदः है वे भी शायद इस कठिन जीवन की कुछ झलक पा सकें। इन लोगों की आर्थिक रीढ़ मज़बूत करने के लिए मध्यप्रदेश सरकार समय समय पर कदम उठाती रही है। इन्हें छात्रवृति देने की बात हो या इन्हें क्रेडिट कार्ड देने की तो सर्कार ने बहुत से महत्वपूर्ण निर्णय समय समय पर लिए हैं।   

जल-संसाधन, मछुआ-कल्याण और मत्स्य विकास मंत्री श्री तुलसीराम सिलावट ने  मछुआरों की सर्वांगीण उन्नति के लिए चलाई जा रही कल्याणकारी योजनाओं का लाभ उन्हें समय पर दिये जाने के निर्देश दिये है। उन्होंने कहा कि पात्र मछुआ भाईयों के किसान क्रेडिट कार्ड बनाने के लिए शिविर लगाए जाएँ। मंत्री श्री सिलावट ने आज निवास कार्यालय में विभागीय समीक्षा की।

मंत्री श्री सिलावट ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व और मंशानुसार मत्स्य विभाग सराहनीय कार्य कर रहा है। आगे भी इसी तरह से कार्य करते रहें। उन्होंने विभागीय योजनाओं में लक्ष्य पूर्ति के लिए अधिकारियों को मछुआ सोसायटी से संपर्क करने और मत्स्य उत्पादन को बढ़ाने के निर्देश दिये।

प्रमुख सचिव श्रीमती कल्पना श्रीवास्तव, मत्स्य महासंघ के प्रबंध संचालक श्री पुरूषोत्तम धीमान, संचालक श्री भारत सिंह, सेक्रेटरी श्रीमती ज्योति टोप्पो और डिप्टी डायरेक्टर श्री रवि कुमार गजभिये भी इस मौके पर उपस्थित रहे।

गौरतलब है कि इस संबंध में पहले भी कदम उठाए जाते रहे हैं। सात सितंबर 2021 की एक विज्ञप्ति के मुताबिक उस समय भी मछुआरों को दी जाने वाली आर्थिक सहायता और छात्रवृत्ति की राशि में हुई वृद्धि हुई है। मत्स्य महासंघ की 25 वीं वार्षिक साधारण सभा की बैठक में इसे लेकर महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए थे। 

मछुआ कल्याण और मत्स्य विकास मंत्री श्री तुलसीराम सिलावट ने महासंघ की 25वीं वार्षिक साधारण सभा को संबोधित करते हुए कहा कि मध्यप्रदेश सरकार का मुख्य उद्देश्य अंतिम छोर तक के व्यक्ति को विकास की मुख्यधारा से जोड़ना है। इसके लिए सरकार हर संभव प्रयास कर रही है। मछुआ समाज मुख्य रूप से मत्स्य पालन और आखेट का कार्य करते हुए जीवन-यापन कर रहा है इनकी आर्थिक स्थिति को बेहतर करने के लिए ही मत्स्य महासंघ का स्थापना की गई थी। लड़कियों के विवाह के लिए "मीनाक्षी कन्या विवाह" जाल-नाव सहित अन्य आर्थिक संबल प्रदान करने वाली योजनायें  मत्स्य महासंघ संचालित कर रहा है।

मंत्री श्रीं सिलावट ने कहा कि सहकारिता के उद्देश्य पर आधारित यह मत्स्य महासंघ सबका विकास, सबका साथ, और सबके विश्वास की अवधारणा पर काम कर रहा है। मंत्री श्री सिलावट ने मछुआ महासंघ की महासभा में गंभीर बीमारी के लिए आर्थिक सहायता राशि को बढ़ाकर 40 हजार से 50 हजार, तकनीकी शिक्षा छात्रवृत्ति योजना में 20 हजार से बढ़ाकर 30 हजार रुपए और मछुआ सोसाइटी  के सदस्यों में किसी की मृत्यु होने पर आर्थिक सहायता राशि 7500 से बढ़ाकर 10 हजार रूपये कर दी है।

साधारण सभा में निर्णय लिया गया कि मेजर कॉर्प और अन्य प्रजाति की मछली पकड़ने पर 32 रूपए किलो के स्थान पर अब 34 रुपए किलो और अन्य छोटी मछलियों को पकड़ने पर 19 रूपए प्रति किलो के स्थान पर 20 रूपए प्रति किलो मत्स्याखेट की  दर निर्धारित कर दी है। इसके साथ ही मछुआ समिति की मांग पर सभी मछुआरों को लाइफ जैकेट उपलब्ध कराने के संबंध में श्री सिलावट ने निर्देश दिए हैं।

मंत्री श्री सिलावट ने संचालक मत्स्य विकास और मत्स्य महासंघ के प्रबंध संचालक को निर्देश दिए कि सभी मछुआरों के क्रेडिट कार्ड दिसंबर तक बन जाने चाहिए, जिससे बैंको से जीरो ब्याज दर पर ऋण राशि उपलब्ध हो। महा सभा की बैठक में मंत्री ने सभी मछुआ सोसायटी के अध्यक्षों को माला पहनाकर और बुके देकर सम्मानित किया। उन्होंने संभाग स्तर पर भी क्षेत्रीय बैठकों का आयोजन करने तथा समिति में महिला सदस्यों की भागीदारी के निर्देश दिए हैं।

साधारण सभा में मत्स्य महासंघ द्वारा प्रस्तुत 56 करोड़ की आय और 36 करोड़ के व्यय का बजट सर्वसम्मति से पारित किया गया। प्रदेश के 27 जिलों के जलाशय में मछुआ समिति क्रियाशील हैं। इस वर्ष 445 रुपए प्रतिदिन के हिसाब से 20 करोड़ की राशि मछुआरों को प्रदान की गई है। मत्स्य महासंघ में 216 और विभाग में 2 हजार मछुआ समिति कार्यरत हैं।