Thursday, June 25, 2020

स्व-सहायता समूह आदिवासी क्षेत्रों में भी सक्रिय हुए

गुरूवार जून 25, 2020, 19:00 IST
प्रवासी मजदूरों को इन्हीं के माध्यम से मिलेगा रोज़गार
भोपाल: 25 जून 2020: (मध्यप्रदेश स्क्रीन ब्यूरो)::
प्रदेश के आदिवासी बहुल क्षेत्रों में प्रवासी आदिवासी मजदूरों और महिलाओं को स्व-सहायता समूह की गतिविधियों से जोड़कर रोजगार के अवसर उपलब्ध कराये जाने के प्रयास किये जायेंगे। इसके लिये केन्द्रीय जनजातीय मंत्रालय ने प्रदेश की 65 करोड़ रुपये की योजना को मंजूरी दी है। यह जानकारी प्रमुख सचिव, आदिम-जाति कल्याण श्रीमती पल्लवी जैन गोविल की अध्यक्षता में मंत्रालय में हुई बैठक में दी गई। प्रमुख सचिव ने विभिन्न जिलों के अधिकारियों से वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से चर्चा की। बैठक में संचालक, आदिवासी क्षेत्रीय विकास योजना सुश्री शैलबाला मॉर्टिन, ग्रामीण आजीविका मिशन, मेपसेट, कौशल विकास और बैंकर्स भी मौजूद थे।
प्रमुख सचिव, आदिम-जाति कल्याण श्रीमती गोविल ने बताया कि प्रदेश में रोजगार सेतु एप के माध्यम से प्रवासी मजदूरों के कौशल के अनुसार सर्वे किया गया है। इसके माध्यम से उन्हें रोजगार के अवसर उपलब्ध कराये जायेंगे। उन्होंने कहा कि ऐसे प्रयास किये जायें, जिससे प्रवासी मजदूरों और उनके परिवार को जल्द से जल्द आर्थिक लाभ मिलना शुरू हो जायें। प्रमुख सचिव ने बताया कि आदिवासी क्षेत्रों में बड़ी संख्या में शैक्षणिक संस्थान हैं। इनमें होने वाली गतिविधियों से भी स्व-सहायता समूहों को जोड़ा जा सकता है।
बैठक में पशु एवं मत्स्य-पालन, पोल्ट्री फार्म, डेयरी से जुड़ी अन्य गतिविधियों, खाद्य प्र-संस्करण, रेशम और मधुमक्खी-पालन के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर सृजित किये जाने पर चर्चा की गई। बैठक में बताया गया कि सीधी जिले में 31 हजार से अधिक प्रवासी श्रमिक जिले में लौटे हैं। धार जिले में करीब 34 हजार प्रवासी मजदूर जिले में लौटे हैं। इन्हें रोजगार से जोड़ने के लिये मनरेगा में सर्वे का कार्य किया गया है। आयुक्त, आदिम-जाति कल्याण श्री बी. चन्द्रशेखर ने कहा कि आदिवासी क्षेत्रों में पूर्व में तैयार शेड का उपयोग इन गतिविधियों से जोड़ने के लिये किया जा सकता है। बैठक में जिला अधिकारियों को योजना के संबंध में प्रस्ताव देने के निर्देश दिये गये।

Sunday, June 14, 2020

कोरोना संक्रमण में मध्यप्रदेश अब देश में 8वें स्थान पर आया

रविवार 14 जून 2020, को 19:40 IST
 एक दिन में एक्टिव प्रकरणों में 151 की कमी आई, 300 मरीज ठीक हुए 
*सभी पैरामीटर्स में उल्लेखनीय सुधार
*रिकवरी रेट अब 71.1 प्रतिशत, डबलिंग रेट 34 दिन
*मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कोरोना की स्थिति एवं व्यवस्थाओं की समीक्षा की
भोपाल: रविवार 14 जून 2020: (मध्यप्रदेश स्क्रीन ब्यूरो)
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि कोरोना संक्रमण में प्रदेश की स्थिति में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। अब प्रदेश पूरे देश में आठवें स्थान पर आ गया है। प्रदेश के सभी कोरोना पैरामीटर्स में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। एक्टिव प्रकरणों में एक दिन में 151 की कमी आई है तथा 300 मरीज स्वस्थ होकर घर गए हैं। अब हमारे एक्टिव प्रकरणों की संख्या 2666 है। हमारी डबलिंग रेट बढ़कर 34.1 दिन तथा रिकवरी रेट 71.1 प्रतिशत हो गई है। यह प्रदेश के लिए बहुत अच्छे संकेत हैं।
मुख्यमंत्री श्री चौहान आज मंत्रालय में वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रदेश में कोरोना की स्थिति एवं व्यवस्थाओं की समीक्षा कर रहे थे। इस अवसर पर मुख्य सचिव श्री इकबाल सिंह बैंस, डीजीपी श्री विवेक जौहरी, अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य श्री मोहम्मद सुलेमान उपस्थित थे।
रिकवरी रेट में मध्यप्रदेश भारत में दूसरे स्थान पर
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि रिकवरी रेट में मध्यप्रदेश भारत में दूसरे स्थान पर है। म.प्र. की रिकवरी रेट 71.1 प्रतिशत हो गई है, जबकि भारत की 50.6 प्रतिशत है। राजस्थान की सर्वाधिक 75.3 प्रतिशत है। गुजरात की 68.9, उत्तरप्रदेश की 60 तथा तमिलनाडु की 54.8 प्रतिशत है।
कोरोना संक्रमण में म.प्र. अब आठवें स्थान पर
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बताया कि कोरोना संबंधी पैरामीटर्स में सुधार के बाद कोरोना संक्रमण में मध्यप्रदेश भारत में अब 8वें स्थान पर आ गया है। म.प्र. में 10641 कोरोना पॉजिटिव प्रकरण है। सर्वाधिक कोरोना प्रकरण महाराष्ट्र में 1,04,568, इसके बाद तमिलनाडु में 42,687, दिल्ली में 38,958, गुजरात में 23,038, उत्तरप्रदेश में 13,118, राजस्थान में 12,401 तथा पश्चिम बंगाल में 10,698 कोरोना पॉजीटिव प्रकरण हैं।
म.प्र. की डबलिंग रेट भारत में सबसे कम
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना संक्रमण की पूरे देश में मध्यप्रदेश में सबसे धीमी गति है। हमारी डबलिंग रेट 34.1 दिन है, जबकि भारत की 18.4 दिन है। गुजरात की 30.2 दिन, राजस्थान की 26.7 दिन, महाराष्ट्र की 21 दिन तथा उत्तरप्रदेश की 18.6 दिन है।
प्रभारी अधिकारी रोज मॉनीटरिंग करें
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि कोरोना की मॉनीटरिंग के लिए जिलेवार वरिष्ठ अधिकारियों को प्रभारी अधिकारी बनाया गया है। वे  रोज सुबह उठते ही तथा रात में सोने से पहले अपने जिले में कोरोना की स्थिति की मानीटरिंग करें, संबंधित कलेक्टर्स को मार्गदर्शन दें तथा इसकी रिपोर्ट दें।
कोरोना की मृत्यु दर को न्यूनतम करना है
बैठक में मुख्यमंत्री श्री चौहान ने निर्देश दिए कि प्रदेश में कोरोना की मृत्यु दर को न्यूनतम करना है। इसके लिए सभी कोविड अस्पतालों में सर्वश्रेष्ठ चिकित्सा सुविधा सुनिश्चित की जाए। ट्रीटमेंट प्रोटोकॉल का पूरा पालन किया जाए तथा हर मरीज पर विशेष ध्यान दिया जाए।
जनता को जागरूक करना आवश्यक
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि लॉकडाउन खुलने के बाद अब जनजीवन सामान्य हो रहा है। अत: लोगों को जागरूक करना आवश्यक है कि वे सभी आवश्यक सावधानियां बरतें। मास्क लगाना, दो गज की दूरी रखना, इधर-उधर नहीं थूकना,  बार बार साबुन से हाथ धोना, सैनेटाईजर का उपयोग आदि सभी आवश्यक है। जागरूकता फैलाने के लिए  जनसहयोग लिया जाए।
प्रदेश के सर्वाधिक संक्रमित शहरों में अब भोपाल नहीं
एसीएस हेल्थ श्री मो. सुलेमान ने बताया कि भारत के सर्वाधिक संक्रमित 15 शहरों में प्रदेश का इंदौर शहर सातवें स्थान पर है। इस सूची में पूर्व में भोपाल भी शामिल था परंतु अब भोपाल इनमें नहीं है।